Smriti Irani Speech In Hindi भारत माता की हत्या पर ताली

Smriti Irani Speech In Hindi: मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार, 9 अगस्त 2023 को लोकसभा में दूसरे दिन की चर्चा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक भाषण दिया।

उन्होंने भारतीय विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया और मणिपुर को लेकर उनके दृष्टिकोण को कटिबद्ध किया। उनके भाषण के अंश निम्नलिखित हैं:

Smriti Irani Speech In Hindi

  1. स्मृति ईरानी ने विपक्ष को लेकर कहा कि भारत भ्रष्ट नहीं है, और उन्होंने विपक्षी नेताओं को “INDIA नहीं होने” का आरोप लगाया। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार, वंशवाद, और योग्यता की दृष्टि से ताका।
  2. स्मृति ईरानी ने महिलाओं के प्रति भारत सरकार के कदमों की सराहना की, जैसे कि घरों की निर्माण में और महिला शिक्षा में उन्होंने वृद्धि के आंकड़े प्रस्तुत किए।
  3. उन्होंने राहुल गांधी को उनकी विदेशी यात्राओं के बारे में प्रश्न उठाते हुए कहा कि वे देश के बाहर गए तो उन्होंने भारतीय सौहार्द को ध्वस्त किया है।
  4. वह राहुल गांधी को उनकी मीटिंग में मिनाज खान के साथ दिखने का आरोप लगाते हैं।
  5. स्मृति ईरानी ने गौतम अडानी को लेकर भी आलोचना की, और उन्होंने कुछ सवाल उठाए कि क्यों कुछ उद्यमी अधिक लाभ ले रहे हैं।
  6. उन्होंने महिलाओं के शिक्षाग्रहण और पीएचडी एनरोलमेंट में वृद्धि के बारे में जानकारी प्रस्तुत की और महिलाओं के योगदान की महत्वपूर्णता पर बल दिया।
  7. उन्होंने राहुल गांधी के असभ्य व्यवहार को बताते हुए उनके खिलाफ आलोचना की, और उन्होंने उनके द्वारा महिला सांसदों के प्रति किए गए आक्षेप की खेप में बच्चों की जिम्मेदारी की उलझन को उजागर किया।

यह भाषण स्मृति ईरानी के द्वारा विपक्षी नेता और उनके दृष्टिकोण के प्रति एक प्रतिक्रिया के रूप में था, जिसमें वे भारतीय सरकार के कदमों की सराहना करती थीं और उनके मतभेदों को उजागर करती थीं।

Smriti Irani Speech In Hindi

इस भाषण का निष्कर्ष यह है कि स्मृति ईरानी ने विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर तर्कपूर्ण और उचित प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महिलाओं के प्रति सरकार के कदमों की प्रशंसा की और महिलाओं के योगदान की महत्वपूर्णता को उजागर किया।

वे विपक्षी नेताओं के विचारों के प्रति संवेदनशील रूप से उत्तर दिए हैं और उनकी विदेशी यात्राओं और उनके सामर्थ्य पर सवाल उठाए हैं।

साथ ही, उन्होंने भ्रष्टाचार, वंशवाद और योग्यता की महत्वपूर्णता पर भी दिलचस्प तरीके से चर्चा की है। उनके भाषण से स्पष्ट होता है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं की पकड़ में उनके विचारों की असमर्थता को प्रकट किया है और सरकार की नीतियों की स्तुति की है।

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